Diwali Pollution पटाखों से बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, दिल्ली-NCR के साथ साथ कई राज्य के लिए किया निर्देश जारी 

mithlesh
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Diwali Pollution आप तो जानते है की प्रदूषण से भारत की राजधानी दिल्ली की क्या हालत हैं। अब दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण और भी बेकाबू हो गया हैं। जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार के दिन एक announcement की हैं। जिसके तहत बेरियम युक्त पटाखों पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया हैं।  

आपकी जानकारी के लिए बता दे की ये रोक केवल दिल्ली-एनसीआर के लिए नहीं लगाई गई हैं। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार,Diwali Pollution बेरियम युक्त पटाखों पर रोक लगाने का आदेश देश के हर राज्य पर लागू होता है।    

Overview Of Diwali Pollution   

Diwali Pollution

न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ ने राजस्थान सरकार को निर्देशों का पालन करने को कहा 

भारत में बढ़ते इस Diwali Pollution को लेकर न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ ने राजस्थान सरकार को भी निर्देशों का पालन करने को कहा। उन्होंने ने कहा की राजस्थान सरकार दिवाली के दौरान Diwali Pollution पटाखे फोड़ने पर अपने पहले के निर्देशों को पालन करे।  

न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ ने कहा की हमे लोगो को जागरूक करना हैं की इस दिवाली Diwali Pollution पटाखे जलाने पर उनसे हानिकारक प्रदुषण होता हैं। जिसे वायु प्रदुषण होता हैं। उन्होंने ने कहा हैं की आजकल बच्चे कम पटाखे जलाते हैं। लेकिन युवा और बुजुर्ग लोग ज्यादा “Diwali Pollution” पटाखे जलाते हैं ।  

ये सब बिलकुल गलत हैं। अगर ऐसा होता हैं तो अदालत का कर्तव्य है की वो प्रदूषण और पर्यावरण संरक्षण ध्यान देते हुए ठोस कदम उठाए ताकि Diwali Pollution न हो उन्होंने कहा हैं की स्वच्छ पर्यावरण के इस अभियान में आम लोगो को आगे आना होगा। क्योंकि अगर स्वछता पर सबका अधिकार हैं तो वायु और ध्वनि प्रदूषण को रोकना भी सबका अधिकार हैं।    

उदयपुर शहर में पटाखों पर प्रतिबंध पर आदेश जारी 

diwali pollution

आपको बता दे की Supreme Court ने पटाखों पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका में दायर हस्तक्षेप आवेदन पर सुनवाई की। Supreme Court ने Application में कहा की राजस्थान सरकार को वायु और ध्वनि प्रदूषण की जांच के लिए कदम उठाने होंगे। इसके साथ ही “Diwali Pollution” दिवाली, और शादियों के दौरान उदयपुर शहर में Supreme Court ने पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश देने के लिए कहा हैं।  

इस आवेदन को लंबित रखते हुए पीठ ने कहा की इस आवेदन में किसी विशेष आदेश पारित करने की आवश्यकता नहीं है क्योकि वायु और ध्वनि प्रदूषकों की जांच के लिए Supreme Court पहले से ही आदेश जारी कर चुकी हैं।  उन्होंने कहा की हर राज्य की सरकार को इन आदेशों  का पालन करना होगा।  

इसके साथ ही उन्होंने कहा की ये आदेश केवल फेस्टिवल सीजन पर ही नहीं लागू होते।  बल्कि बाद में भी इनका पालन किया जाना चाहिए।  

राजस्थान सरकार ने  रात आठ बजे से 11 बजे के बीच पटाखे चलाने की अनुमति मांगी 

आपकी जानकारी के लिए बता दे की वरिष्ठ वकील मनीष सिंघवी ने राजस्थान सरकार की ओर Supreme Court के आवेदन पर अपना जवाब पेश किया। उन्होंने कहा की  वायु और ध्वनि pollution में दीवाली के दौरान मामूली वृद्धि होती है। इस पर interventionist ने कहा की Supreme Court केवल राज्य सरकार को यह निर्देश देने का अनुरोध कर रहे हैं पटाखे चलाने पर जो रोक लगायी गयी हैं वो केवल दिल्ली-एनसीआर तक ही सीमित नहीं हैं। बल्कि इसको बाकि के राज्यों में लागू किया जाना चाहिए।  

इस पर वकील मनीष सिंघवी ने राजस्थान सरकार की ओर से कहा की राज्य न्यायालय के आदेश का पालन जरूर करेगा। परन्तु ये Implementation समाज की overall consciousness पर depend करता हैं।  

उन्होंने कहा की राजस्थान राज्य में पटाखे चलाने का आदेश रात 8 से 10 के बजाए रात 8 बजे से 11 बजे तक चलाने की अनुमति दी जाए। यानि तीन घंटे के लिए राजस्थान में पटाखे चलाने की अनुमति दी जाए।  

मुख्य याचिकाकर्ता अर्जुन गोपाल ने राजस्थान की इस याचिका पर जताया ऐतराज 

जब राजस्थान ने अपनी बात सुप्रीम कोर्ट में रखी तो इस senior advocate गोपाल शंकरनारायणन ने  मुख्य याचिकाकर्ता अर्जुन गोपाल की तरफ से कहा अगर एक राज्य को छूट दी गई तो अन्य राज्यों से आवेदन आने शुरू हो जाएंगे।  पीठ ने senior advocate शंकरनारायणन की बात से अपनी सहमति जताई।  

इस पर Justice Bopanna ने कहा की हम जानते हैं की समय सीमा के घटने या बढ़ने से कोई फरक नहीं पड़ने वाला हैं। क्योंकि लोगो ने जो खरीद लिए हैं वो उसे जरूर बजाएंगे। Justice Sundaresh ने सिंघवी से कहा की आपके पास जो है आप उसे share करके भी festival मना सकते है। 

उन्होंने कहा की अगर आप पर्यावरण को प्रदूषित करके selfish and self-centred हो रहे हैं। जो लोग पर्यावरण को प्रदूषित कर रहे हैं उन्हें जवाबदेही के लिए भी तैयार रहना चाहिए।  इसके साथ ही उन्होंने कहा की हम ये मानते हैं कि वायु और ध्वनि प्रदुषण पूरी तरह से कभी नहीं रोका जा सकता जब तक कि अपने आप ही लोग ऐसा ना करें। हमारा कर्त्तव्य लोगों को शिक्षित करना और संवेदनशील बनाना है।

Supreme Court ने मौसम विज्ञान विभाग माँगा जवाब 

आपकी जानकारी के लिए बता दे की Supreme Court ने देश में बढ़ते प्रदुषण को लेकर 2018 में वायु और ध्वनि pollution पर रोक लगाने के लिए पटाखों को फोड़ने पर प्रतिबंध लगाया था। Supreme Court ने मौसम विज्ञान विभाग से भी आस पास के इलाको में पराली जलाने की घटनाओं पर जवाब माँगा हैं।  

Supreme Cour में बताया गया था की आस पास के राज्यों में पराली जलाने की वजय से भारत की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदुषण हो रहा हैं।  

निष्कर्ष

Supreme Court ने मंगलवार, 7 नवंबर, 2023 को एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया, जिसमें बेरियम युक्त “Diwali Pollution” पटाखों पर पूरे देश में रोक लगा दी गई हैं। यह निर्णय वायु pollution को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो विशेष रूप से दीवाली Diwali Pollution और अन्य त्योहारों के समय बढ़ जाता है।

Supreme Court ने राजस्थान सरकार को भी निर्देश दिया है कि वह दीवाली के दौरान पटाखे फोड़ने पर अपने पहले के निर्देशों का पालन करे। राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से रात 8 बजे से 11 बजे के बीच पटाखे चलाने की अनुमति मांगी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस अनुरोध को खारिज कर दिया।

Supreme Court ने कहा कि समय सीमा को एक घंटे बढ़ाने या घटाने से pollution में कोई कमी नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि लोगों को पर्यावरण को प्रदूषित करने से बचने के लिए स्वयं जागरूक होना चाहिए।

Supreme Court के इस निर्णय का हमे सम्म्मान करना चाहिए। यह निर्णय वायु  pollution को कम करने और पर्यावरण की रक्षा करने में मदद करेगा। अगर आप भी अपने देश को pollution से  बचाना चाहते हैं तो इस बार Diwali Pollution कम से कम पटाखे बजाए। आप सब को दीवाली की बहुत बहुत शुभकामनाएँ। 

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