Chhath Puja 2023: छठ पूजा के दौरान भूलकर भी ना करे ये गलतिया । जानिए कब है छठ पूजा

mithlesh
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Chhath Puja 2023 छठ पूजा चार दिनों तक चलने वाला एक पवित्र त्यौहार हैं। हिन्दू धर्म के लोगो के लिए ये त्यौहार बहुत ही विशेष होता हैं। आपको बता दे कि 17 नवंबर 2023 से इस साल छठ पूजा की शुरुआत हो रही हैं। हिंदू पंचांग के मुताबिक, छठ पूजा का यह पवित्र त्यौहार हर साल कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता हैं। 

 आपको बता दे की छठ पूजा का यह पवित्र त्यौहार बिहार, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई जगहों पर मनाया जाता हैं। इस त्यौहार की अपनी मान्यताएं व परंपराएं हैं। हिनू धरम के लोग इसे साल के सबसे बड़े त्यौहार के रूप में भी देखते हैं। आज की इस पोस्ट में हम आपको बताने वाले हैं की छठ पूजा का यह पवित्र त्यौहार क्यों मनाया जाता हैं, इसे मानाने की क्या विधि हैं? और ऐसी कौन सी ऐसी  गलतिया हैं जो हमे छठ पूजा में नहीं करनी चाहिए।     

महा पर्व Chhath Puja 2023 Overview

Chhath Puja 2023

छठ पूजा का यह पवित्र त्यौहार क्यों मनाया जाता हैं?

छठ पूजा क्यों मनाई जाती हैं इसके बारे में पौराणिक कथाओं में अलग अलग लिखा हैं।  रामायण, के अनुसार, श्री राम जब पहली बार लंका के राजा रावण का वध करके अयोध्‍या पहुंचे थे तो भगवान श्रीराम और मां सीता ने रामराज्‍य की स्‍थापना उस समय छठ का उपवास यानि व्रत रखा था। इस व्रत में उन्होंने सूर्य देव की पूजा की थी।  

दूसरी कथा के अनुसार, जब असुरों के हाथों प्रथम देवासुर संग्राम में देवता हार गये थे, तब तेजस्वी पुत्र की प्राप्ति के लिए देव माता अदिति ने देवारण्य के देव सूर्य मंदिर में रनबे यानि छठी मैया की पूजा की थी।

तब उनकी पूजा से प्रसन्न होकर छठी मैया ने उन्हें सर्वगुण संपन्न तेजस्वी पुत्र होने का वरदान दिया था। इसके बाद अदिति के पुत्र हुए त्रिदेव रूप आदित्य भगवानइस त्रिदेव रूप आदित्य भगवान ने ही देवताओं को असुरों पर विजय दिलायी। 

छठ पूजा किस प्रकार मनाते हैं ?

Chhath Puja 2023

Chhath Puja 2023 का यह पर्व चार दिनों का है। यह त्यौहार भैया दूज के तीसरे दिन से यह शुरू होता है। इस पर्व के पहले दिन सेन्धा नमक, कद्दू की सब्जी और घी से बना हुआ अरवा चावल प्रसाद के रूप में लिए जाते है। इसके अगले दिन से व्रत शुरू होता है।

व्रत रखने वाला व्यक्ति दिन भर अन्न-जल त्याग कर शाम करीब सात बजे पूजा करने के बाद खीर बनाकर प्रसाद ग्रहण करते हैं, जिसे खरना कहते हैं। इस पर्व म तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य यानी दूध अर्पण करते हैं। 

जब इस पर्व का अंतिम दिन होता हैं तो इस दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य चढ़ाते हैं। इस पर्व की पूजा में पवित्रता का खास  तौर पर ध्यान रखा जाता है।  लहसून, और प्याज खाना इस पूजा में मना होता है। आपको बता दे की जिन घरों में यह पूजा होती है, वहाँ पर भगवान् के गीत गाये जाते हैं। फिर last में लोगो को पूजा का प्रसाद दिया जाता हैं।

वो कौन सी गलतियां हैं जो छठ पूजा में भूलकर भी नहीं करनी चाहिए 

 Chhath Puja 2023 का ये व्रत संतान की लंबी उम्र, उनके स्वास्थ्य और उनके bright future की कामना के लिए रखा जाता है। ये व्रत पूरे 36 घंटों तक चलता है। इस व्रत में नियमों का पालन करना बहुत जरूरी हैं। अगर हम नियमो का पालन नहीं करते तो छठी मैया नाराज हो सकती हैं। चलिए जानते हैं की ऐसे कौन से नियम हैं जिनका हमे पालन करना हैं।  

1 भूलकर भी प्रसाद को पूजा से पहले जूठा न करे 

आप तो जानते ही हैं कि छठ पूजा का प्रसाद बहुत ही शुद्ध होता है। जब आप प्रसाद बनाते हैं तो भूलकर भी इसे जूठा न करें। इसके साथ ही प्रसाद आपको खाली पेट बनाना चाहिए। इसे बनाने से पहले आपको  कुछ भी नहीं खाना हैं। आपको प्रसाद नहा धो कर एक दम साफ सुथरे हाथो से बनाना चाहिए।

2 सूर्य देव को अर्घ्य जरूर दे 

इस व्रत में सूर्य को अर्घ्य जरूर दिया जाता हैं।  अगर आप व्रत रख लेते है और सूर्य को अर्घ्य नहीं देते तो आपकी पूजा सफल नहीं होती हैं।  इस व्रत को जो महिलाएं रखती हैं उन्हें सूर्य देव को अर्घ्य दिए बिना किसी भी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए। इस व्रत रखने वाली महिलाओ को जमीन पर सोना होता हैं क्योकि ये भी पूजा का एक नियम हैं।  

3 भूलकर भी प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल न करें

छठ पूजा एक पवित्र पूजा हैं जिसमे सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। इसके साथ ही पूरे विधि-विधान से उनकी पूजा की जाती है। इस पूजा में हमे भूलकर भी चांदी, स्टील और प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल पूजा में नहीं करना चाहिए। आपको बता दे की इस पूजा में सिर्फ मिट्टी के चूल्हे और मिट्टी के बर्तनों का ही इस्तेमाल करना चाहिए।

4 व्रत में लहसुन व प्याज का सेवन न करें

अगर आप अपने घर में छठ पर्व मना रहे हैं तो आपको छठ पर्व के शुभ दिनों में व्रत वाला ही खाना खाना चाहिए। हमे भूलकर भी मांसाहारी भोजन नहीं करना चाहिए। इस पूजा में हमे अपने घर में बनाया हुआ लखना खाना चाहिए। अगर आप छठ व्रत रख रहे हैं तो छठ पूजा के दिनों में आपको लहसुन व प्याज का सेवन भी नहीं करना चाहिए।

निष्कर्ष 

Chhath Puja 2023 एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो सूर्य देव और छठी मैया की पूजा के लिए मनाया जाता है। यह चार दिनों तक चलने वाला एक पवित्र त्योहार है, जो भैया दूज के तीसरे दिन से शुरू होता है। छठ पूजा में कई नियम और परंपराएं हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है। 

इन नियमों का पालन करने से छठी मैया प्रसन्न होती हैं और व्रत रखने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस त्यौहार को मनाने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। इसलिए, Chhath Puja 2023 के नियमों का पालन करके इस त्यौहार को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाएं। 

हमने आपको Chhath Puja 2023 के बारे में लगभग सारी जानकारी दे दी हैं। आशा करते है की आपको ये जानकारी पसंद आई होगी। आपको Chhath Puja 2023 की बहुत बहुत शुभकामनाएं। सूर्य देव और छठी मैया आप सबकी मनोकामना पूरी करे।  

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